आज हमारे 5 वीर सपूत जवान देश के दुश्मनों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए मेरे अनुसार आज पुष्प वर्षा के कार्यक्रम स्थगित कर किसी और दिन करना चाहिए था देश की जनता के दिल में असीम दुःख और घोर पीड़ा हैं बेशक हमारे कोरोंना वारियर्स भी अपनी जान जोखिम में डालकर देश सेवा में दिन रात लगे हुए हैं तथा कुछ सेवारत अधिकारी व कर्मचारियों ने जान भी गँवाई हैं हम उनके कार्य को सलाम करते हैं किंतु आज का दिन पुष्प वर्षा का कार्यक्रम स्थगित न कर शहीदों की असाधारण बहादुरी और बलिदान को साधारण सा बना दिया सरकार की समस्या लम्बे समय तक लॉकडाउन से जनता के आक्रोश से बचने के लिए जनता को बहलाने हेतु उत्साहवर्धक कार्यक्रम पुष्प वर्षा किसी और दिन करना चाहिए था
लगता हैं नीति निर्माण करने वालों को वर्तमान स्थिति ने दुविधा में डाल दिया हैं जिस कारण निर्णय लेने की जल्दबाज़ी में कई बार सटीक निर्णय नहीं हो रहे हैं
एक तरफ़ श्रेणी वाईज लॉकडाउन में ढील के तहत कुछ सीमा के तहत उधोगो में कार्य करने की छूट और दूसरी तरफ़ मज़दूरों को उनके घर भेजने की व्यवस्था का निर्णय एक ही समय लिया गया हैं मेरे विचार से विगत दिनो में दिल्ली मुम्बई व अहमदाबाद जैसे महानगरों में मज़दूरों के सड़क प्रदर्शन के कारण सरकार दुबारा ऐसी स्थिति से बचने की वजह इस निर्णय को लेने की मंशा परिलक्षित होती हैं
देश में महामारी से जागरूक होने से ज़्यादा दहशत का माहौल व्याप्त होने से घर वापिस मज़दूरों का महानगरो में पुनः वापसी जल्दी आसान नहीं होगी जो कार्य 19मार्च से 24 मार्च के मध्य होना चाहिए था वो ऐसे समय जब उनकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत हैं तब घर वापसी अर्थव्यवस्था के लिये क्या गुल खिलायेगी आप समझ सकते हैं अब तो उन्हें रोज़गार भोजन और घर के सुरक्षा कवच की खुराक देने की ज़रूरत थी
राज्य सरकारों के सामने मज़दूरों की घर वापसी से न केवल आने जाने में होने वाले ख़र्च उन्हें आइसोलेट करने तथा विपरीत परिस्थितियों में स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने की समस्या होगी अपितु उन्हें राशन व रोज़गार की असहनीय समस्या से दो चार होना पड़ेगा और करोड़ों बेरोज़गार मज़दूरों में रोज़गार मिलने का विश्वास पैदा करने की बड़ी ज़िम्मेदारी निभानी पड़ेगी हालाँकि बदली हुईं परिस्थिति से रोज़गार के नए अवसरों का सृजन होगा किंतु कितना समायोजन हो पायेगा और भविष्य में क्या परिणाम और होंगे ये समय के गर्भ में हैं
आज पुष्प वर्षा के कार्यक्रम स्थगित कर किसी और दिन करना चाहिए था : प्रमेन्द्र सिंह भाटी