नई दिल्ली, (वेबवार्ता)। दक्षिण दिल्ली के तब्लीगी मरकज जमात से बाहर निकाले गए भारतीय व विदेशियों में कोरोना का संक्रमण लगातार पाए जाने से माना जा रहा है कि कोरोना का संक्रमण मरकज की पूरी बिल्डिंग में फैल चुका। इससे एहतियात के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने फिलहाल तब्लीगी मरकज में न घुसने का निर्णय किया है। स्वास्थ्य विभाग से क्लीयरेंस मिलने के बाद पुलिस जांच के लिए अंदर जाएगी। पुलिस को उम्मीद है कि मरकज से कई रजिस्टर मिल सकते हैं, जिसमें वहां आने वाले भारतीय व विदेशियों के नाम व पते के साथ ही चंदे का लेखाजोखा भी मिलसकता है। रजिस्टरों से मरकज के प्रमुख मौलाना मुहम्मद साद के कई राज खुल सकेंगे।तब्लीगी मरकज को फिलहाल पूरी तरह से सील कर दिया गया है। बिल्डिंग के चारों तरफ घेराबंदी कर सुरक्षा की जिम्मेदारी पैरा मिलिट्री को सौंप दी गई है। वहां किसी को भी अंदर जाने देने की अनुमित नहीं है। वहां तैनात पैरा मिलिट्री को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए विशेष तरीके के ड्रेस दिए गए हैं। क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक बिल्डिंग में प्रवेश करना बहुत ही खतरनाक होगा इसलिए फिलहाल कुछ हफ्ते तक बिल्डिंग में किसी को भी प्रवेश करने से मना किया गया है। बिल्डिंग को बाहर से ही सैनिटाइज किया जा रहा है।वहीं, पुलिस अधिकारी का कहना है कि अभी बाहर से जांच की जा रही है। 23 मार्च को पुलिस ने वहां से कुछ रजिस्टर ज़ब्त किए थे। अगले दिन निजामुद्दीन थाने में मौलाना साद व प्रबंधन से जुड़े छह मौलानाओं की मीटिंग बुलाई गई थी। उनसे वहां आने जाने वाले लोगों के बारे में जानकारी मांगी गई थी। इसमें उन्होंने कुछ सूची सौंपी थीं। इसके अलावा वहां रहने वाले काफी लोगों से पूछताछ भी गई थी। इन सब से मिली जानकारी को ही विकसित कर पता लगाया जा रहा है कि तीन मार्च से 28 मार्च तक वहां कौन कौन लोग रहने आए थे। इसके अलावा इस अवधि के विभिन्न मोबाइल कंपनियों के डंप डेटा को भी एकत्र किया गया है।एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि अभी केवल यह पता लगाया जा रहा है कि तीन मार्च से 28 मार्च तक वहां कौन कौन लोग आए थे। उनके बारे में पता लगाकर संबंधित राज्यों को भेजा जा रहा है, ताकि वहां उन्हें क्वारंटाइन में रखा जा सके।