ग्रेटर नोएडा, (वेबवार्ता)। कोरोना महामारी में फंसे दिहाड़ी मजदूर, गरीब और बेराजगारों को प्रशासन दो वक्त की रोटी मुहैया कराने का दावा कर रहा है। सरकारी संस्थाओं के साथ ही करीब दो दर्जन समाजसेवी संगठन और जनप्रतिनिधि लोगो को फूड पैकेट और सूखा राशन उपलब्ध कराने में जुटे हुए हैं। फिर भी लोगों के भूखे रहने की शिकायतें बरकरार हैं।ऐसे ही करीब 2 दर्जन लोग नोएडा के सेक्टर-67 स्थित ममूरा गांव से अपने गृह जनपद की ओर पलायन करने की कोशिश कर रहे थे। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में समाजसेवी संस्था नेफोवा की सूचना पर पुलिस ने इन्हें पकड़ लिया। बाद में नेफोवा के सदस्यों ने उन्हें राशन देकर पुलिस की मदद से वापस ममूरा गांव छुड़वाया।
नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने बताया कि वो अपने फ्लैट की बालकनी में खड़े थे। उसी दौरान लगभग दो दर्जन लोग जाते दिखे। शक होने पर उन्होंने इस बात की सूचना 112 नंबर पीआरवी पर पुलिस को दी और लोगों को रोककर पूछताछ की। जिसमें पता चला कि वो लोग जिला बदायूं और लखीमपुर जा रहे थे।
पलायन कर रहे लोगों ने बताया कि वो 18 मार्च को नोएडा नौकरी करने आए थे और लॉकडाउन में फंस गए। उनकी नौकरी भी चली गई। अब उनके पास ना राशन है और ना पैसे। कुछ ने अपने बच्चे के बीमार होने की बात बताई।कुछ ने खेतों में खड़ी फसल की कटाई और कुछ ने भूखे रहने को पलायन का कारण बताया। पलायन कर रहे लोगों का कहना था कि उन्हें क्वारंटाइन कर लिया जाए तो अच्छा है, कम से कम 2 वक्त का खाना तो मिलेगा। अभिषेक ने बताया कि उन्होंने सभी लोगों को राशन का आठ किलो का पैकेट दिया और उधर से गुजर रहे ट्रक को बिसरख थाने की पुलिस की सहायता से रोक कर उन्हें ममूरा गांव तक वापस पहुंचाया।