दिल्ली में दिखा चांद, रोजा कल से शुरू

नई दिल्ली,  (वेबवार्ता)। राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को माहे रमजान का चांद नजर आया। इसी के साथ रमजान माह की शुरुआत हो गई है, रोजेदार शनिवार को पहला रोजा रखेंगे। कोरोना की वजह से एक माह से देशभर में लॉकडाउन है, सभी धार्मिक स्थल बंद हैं। तीन मई दिल्ली में लॉकडाउन है, रमजान में भी मस्जिदें बंद ही रहेंगी। रमजान में रात को होने वाली विशेष नमाज तरावीह भी लोगों ने अपने घरों में ही पढ़ी।


 


रमजान को लेकर मुस्लिम बहुल इलाके जाफराबाद, जामा मस्जिद, बल्लीमारान, ओखला, मुस्तफाबाद, वेलकम, लाल कुआं सहित अन्य इलाकों में रमजान की रोनक देखने को मिली। शुक्रवार को दिन में ही लोगों ने सब्जी, फल, फेनी, खजूर की जमकर खरीदारी की। रमजान के चांद के दिदार करने के लिए शाम होते ही लोग अपने घरों की छत पर चढ़ गए थे, लोगों ने मोबाइल फोन के जरिए एक दूसरे को मुबारकबाद भी दी।


 


गत रमजान में मुस्लिम बहुल इलाकों में होटल, ढ़ाबे, किराना की दुकानें देर तक खुली रहती थी, लेकिन इस बार कोरोना की वजह से परिस्थितियां दूसरी हैं। इस बार लॉकडाउन की वजह से दुकानें खुलने का समय पुलिस ने निर्धारित किया हुआ है। ऐसे में मुस्लिम समुदाय के लोगों को तय समय में ही सहरी और इफ्तार के लिए खरीदारी करनी होगी।


 


फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम डॉ. मुफ्ती मुकर्रम ने कहा कि दिल्ली में रमजान का चांद नजर आया है, कोरोना एक माहमारी है। लोगों से अपील की गई है कि रमजान में सख्ती से लॉकडाउन का पालन करें, लॉकडाउन के आम दिनों में जिस तरह घरों में रहकर नमाज और कुरान पढ़ा। रमजान में भी ऐसे ही करें। तरावीह की नमाज भी घरों में ही पढ़े, सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने जो दिशा निर्देश दिए हुए हैं। उनका पालन करें।


 


शुक्रवार को जुमे की नमाज से पहले सभी मस्जिदों से इमामों ने एलान किया कि सभी रोजेदार लॉकडाउन का पालन करें, इस बीमारी का इलाज अभी लॉकडाउन और शारीरिक दूरी ही है। दिल्ली में 92 इलाके कोरोना के चलते सील है, वहां पर किसी तरह की छूट नहीं मिलेगी। जिस तरह से दुकानों पर सामान मिल रहा था, वैसे ही रोजेदारों को खरीदना पड़ेगा। ठेली सब्जी और फल बेचने वालों को उन इलाकों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।