उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के 127 नये मामले सामने आए, कुल संक्रमितों की संख्या 2,455 हुई

 


लखनऊ, (वेबवार्ता)। उत्तर प्रदेश में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 127 नये मामले सामने आने के साथ ही राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 2,455 तक पहुंच गई है। प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण के कुल 127 नये मामले आये हैं। कुल सक्रिय मामलों की संख्या 1,756 है। अब तक 656 लोग पूर्णतया उपचारित होकर घरों को जा चुके हैं और 43 लोगों की मोत हुई है।'' प्रसाद ने बताया कि कुल मामलों की संख्या 2,455 है जो 64 जिलों से हैं। छह जिलों में अब किसी का भी कोरोना वायरस से संक्रमण का इलाज नहीं चल रहा है। उन्होंने बताया कि कल प्रयोगशालाओं में 3,356 नमूने भेजे गये और प्रयोगशालाओं ने 4,431 नमूनों का परीक्ण किया। पृथकवास वार्ड में भर्ती मरीजों की संख्या 1,841 है जबकि संस्थागत पृथकवास केंद्र में 11, 769 लोगों को रखा गया है। प्रमुख सचिव ने बताया कि कल 11 प्रयोगशालाओं द्वारा 331 पूल टेस्टिंग की गयी। इसमें कुल 1,607 नमूनों की जांच की गई।उन्होंने बताया कि प्रदे के बहर से जो कामगार और श्रमिक हमारे यहां आएंगे  आने के बाद पहले उनकी जांच की जाएगी। जो स्वस्थ पाये जाएंगे, उन्हें घर पर ही पृथकवास में 21 दिनों के लिए भेजा जाएगा। उनके घर के आगे एक 'फ्लायर' लगाया जाएगा, जिस पर तारीख लिखी होगी।प्रसाद ने कहा कि जिन श्रमिको में कोरोना संक्रमण को लेकर थोडे़ बहुत लक्षण होंगे, उन्हें वहीं रोककर जांच कराएंगे। अगर कोरोना वायरस से संक्रमण की पुष्टि हुई तो उन्हे तत्काल पृथकवास वार्ड में भेजा जाएगा। संक्रमण की पुष्टि नहीं होने पर सात दिनों के लिए रोका जाएगा और सात दिन के बाद फिर जाँच होगी। अगर जांच रिपोर्ट निगेटिव आई तो उन्हें 14 दिन के लिए घर में ही पृथकवास में भेजा जाएगा।उन्होंने कहा कि आने वाले समय में चूंकि बडी संख्या में लोग घर में ही पृथकवास में जाएंगे इसलिए गांवों में ग्राम पंचायत के स्तर पर उनकी देखरेख में 'ग्राम निगरानी समिति' बनेगी, जिसमें आशा कार्यकर्ता, थाने के चौकीदार और युवक मंगल दल के प्रतिनिधि होंगे और जो इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि घर में ही पृथक रखे गए लोग नियमों का सख्ती से अनुपालन करें।प्रसाद ने बताया कि शहरी क्षेत्र में 'मोहल्ला निगरानी समिति' स्थानीय सभासद के नेतृत्व में बनायी जाएगी जो सुनिश्चित करेगी कि लोग घर में पृथकवास का कड़ाई से पालन करें। अगर किसी तरह के लक्षण किसी में आते हैं तो तत्काल स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया जाएगा।उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में बच्चों के टीकाकरण और प्रतिरक्षण की व्यवस्था की गयी थी। आज से पूरे प्रदेश में टीकाकरण और प्रतिरक्षण को शुरू कर दिया गया है। बच्चों का टीकाकरण आज से शुरू हो गया। प्रसाद ने कहा, ‘‘मेरा लोगों से अनुरोध है कि जिन बच्चों का टीका लगने में विलंबं हो गया है, उन्हें तत्काल टीका लगवा लें।’’प्रमुख सचिव ने कहा कि अगर किसी को सूखी खांसी, बुखार या सांस फूलने के लक्षण आयें तो घबरायें नहीं बल्कि सामने आयें क्योंकि कोरोना संक्रामक बीमारी है। अगर आप संक्रमित पाये गये तो सरकार नि:शुल्क चिकित्सा कराएगी।उन्होंने कहा कि संक्रमण को आप जितना छिपाने का प्रयास करेंगे, उतना ही अपने इष्ट मित्रों और परिवार वालों को संक्रमण देंगे। कई घरों में एक को संक्रमण हुआ और इलाज में विलंब हुआ तो उसके घर के पांच या आठ लोगों को संक्रमण की बात सामने आयी। अत: समय से जांच कराएंगे तो समय पर बचाव कर लेंगे।प्रसाद ने कहा कि बुजुर्गों को और पहले से किसी अन्य रोग से ग्रस्त लोगों को संक्रमण से हरहाल में बचाना है। उनके साथ सामजिक दूरी का विशेष ध्यान रखें। हम उनका ख्याल रखें और उनके करीब नहीं जाएं।उन्होंने कहा कि चेहरे और नाक को रूमाल, मास्क, दुपट्टे और गमछे से ढांकें। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का प्रयास करें। तुलसी और अदरख का काढ़ा पियें। अजवाइन का अर्क लें। नीम की पत्ती लें तथा योग और प्राणायाम करें।प्रसाद ने कहा कि इस बीमारी से घबराना नहीं है। इतने बड़े राज्य में, जिसकी जनसंख्या 23करोड़ है, वहां पर भी हम सबने मिलकर अपने प्रयास और समझदारी से इस संक्रमण को नियंत्रण में रखा। अभी बडी संख्या में प्रवासी आने वाले हैं। अगर सभी सजग रहेंगे तो हम इस संक्रमण को निंयत्रित रखने में पूरी तरह सफल रहेंगे।