नई दिल्ली, (वेबवार्ता)। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लॉक डाउन 3.0 में दिल्ली सरकार ने कुछ रियायत दी है और इसके साथ ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तर्क भी दिए हैं। उनका कहना है कि अगर सब कुछ बंद कर दिया तो अर्थव्यवस्था बिल्कुल चरमरा जाएगी।उन्होंने कहा कि कोरोना आ चुका है। ऐसा नहीं होगा कि कोरोना जीरो हो जाए। अब हमें कोरोना के साथ जीने की तैयारी करनी पड़ेगी। केजरीवाल ने कहा कि जब कोरोना ने दस्तक दिया था तब हम लोग लड़ने के लिए तैयार नहीं थे। इसलिए मेरा मानना है कि लॉक डाउन करना बहुत जरूरी था। अगर उस वक्त हम लॉकडाउन नहीं करते तो देश के अंदर भयावह स्थिति हो सकती थी। देश कोरोना से लड़ने के लिए तैयार नहीं था। अब डेढ़ महीने बाद दिल्ली लॉक खोलने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र की अभी तक की सभी गाइडलाइन अच्छी थी। मगर दिल्ली को रेड जोन में कर देने से दो समस्याएं हो रही हैं। जनता का रोजगार चला गया है। व्यापारियों को दिक्कत हो रही है। अर्थव्यवस्था गड़बड़ा गई। दूसरी तरफ जब सारी अर्थव्यवस्था बंद है तो सरकार को राजस्व आना बंद हो गया है।ऐसे में सरकार कैसे चलेगी? अप्रैल महीने में दिल्ली सरकार को 3500 करोड़ का राजस्व आता था। इस साल अप्रैल में 350 करोड़ का राजस्व आया है।शुरुआत में लॉकडाउन के समय का हमने तैयारी करने के लिए इस्तेमाल किया है। अब इसमें कुछ रियायत दी गई है। ताकि धीरे-धीरे जिंदगी सामान्य हो सके। हमने केंद्र सरकार को सुझाव दिया है कि दिल्ली में लगभग 97हॉटस्पॉट जोन है। उनको पूरी तरह सील कर दिया जाए और बाकी दिल्ली को ग्रीन जोन में शामिल कर उसे वहां आवाजाही करने की इजाजत होनी चाहिए। बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण के लिहाज से जो ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन बनाए गए हैं, केंद्र सरकार ने लॉकडाउन 3 में ग्रीन जोन इलाके में जो रियायतें दी है दिल्ली सरकार ने करीब- करीब वही दिल्ली में भी कल से लागू किया है। हालांकि दिल्ली पूरी तरह अभी रेड जोन में ही शामिल हैं।