योगी का निर्देश, 20 से अधिक कोविड-19 मामले वाले जिलों में वरिष्ठ अधिकारी भेजे जायें


लखनऊ,  (वेबवार्ता)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार कोनिर्देश दिये कि प्रदेश के जिन जिलों में 20 या उससे अधिक कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले आए हैं वहां वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और स्वास्थ्य अधिकारी भेजे जायें, और यह अधिकारी वहां जाकर स्थिति का जायजा लें। अपर मुख्य सचिव सूचना और गृह अवनीश अवस्थी ने बृहस्पतिवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि ''मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में निर्देश दिये कि 20 या उससे अधिक कोरोना पॉजिटिव मामले वाले जनपदों में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी तथा वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी भेजे जायें। ये अधिकारी सम्बन्धित जनपद में कम से कम एक सप्ताह डेरा डाल वहां संचालित स्वास्थ्य सहित विभिन्न कार्यो का पर्यवेक्षण करेंगे।’’ अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने ऐसे प्रत्येक जनपद में पुलिस महानिक्षक (आईजी) स्तर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी (जहां पहले से आईजी स्तर के अधिकारी की तैनाती नहीं है) को भी भेजने के निर्देश दिये हैं। यह पुलिस अधिकारी आवंटित जनपद में लॉकडाउन व्यवस्था को और प्रभावी ढंग से लागू कराएंगे तथा अपनी रिपोर्ट भी प्रेषित करेंगे।'' उन्होंने बताया कि ये वरिष्ठ अधिकारी एक सप्ताह तक उस जिले में डेरा डालेंगे और वहां रोगियों के इलाज से लेकर जनता को बंटने वाले राशन और सामुदायिक रसोईघर आदि की व्यवस्था पर गहरी नजर रखेंगे। उन्होंने बताया कि ''जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक सहित क्षेत्र में तैनात सभी प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी मंडी तथा घनी आबादी वाले क्षेत्रों में नियमित गश्त करें। यह सुनिश्चित किया जाए कि आवश्यक सामग्री की आपूर्ति प्रणाली से जुड़े वाहन छूट का दुरुपयोग न करने पायें। यह चेतावनी जारी की जाए कि जो भी ट्रक सवारी ढोते पाए जाए उसे तत्काल जब्त कर लिया जाएगा। ''अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी ने सामुदायिक रसोईघर, घर-घर सामान पहुंचाने की सुविधा तथा खाद्यान्न वितरण की नवीनतम स्थिति की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि एक मई, 2020 से प्रारम्भ होंने वाले खाद्यान्न वितरण कार्यक्रम में यह सुनिश्चित किया जाए कि पुराने राशन कार्ड धारकों के साथ-साथ नये राशन कार्ड धारकों को भी राशन उपलब्ध हो। प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद द्वारा अवगत कराया गया कि अन्त्योदय कार्ड धारकों को प्रति कार्ड 20 किलो गेंहू तथा 15 किलो चावल तथा अन्य श्रेणी के लाभार्थियों यथा मनरेगा श्रमिक, पंजीकृत निर्माण श्रमिक, ठेला, खोमचा लगाने वाले, रिक्शा, ई-रिक्शा चलाने वालों आदि को प्रति यूनिट तीन किलो गेहूं तथा दो किलो चावल उपलब्ध कराया जाएगा। अवस्थी ने बताया कि समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि आश्रय गृह तथा सामुदायिक रसोईघर को नियमित तौर पर संक्रमण मुक्त किया जाए। आश्रय गृह में रह रहे लोगो का पूल टेस्ट कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सामुदायिक रसोईघर का भोजन गुणवत्तापरक हो तथा भोजन पर्याप्त मात्रा में तैयार किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा ‘मुख्यमंत्री का पीड़ित सहायता कोष-कोविड़ केयर फंड’ स्थापित किया गया है। इस कोष की धनराशि का उपयोग कोविड-19 के उपचार व बचाव के लिए किया जाएगा। कोष की धनराशि से जांच, एल-1, एल-2 तथा एल-3 अस्पतालों की स्थापना एवं सुदृढ़ीकरण, रणनीतिक तैयारी यथा पीपीई किट, एन-95मास्क, वेंटिलेटर्स आदि की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि कोष की धनराशि से पीपीई क्रय करने, इमरजेंसी सेवाएं प्रारम्भ करने वाले अस्पतालों को जिलाधिकारी के माध्यम से इन्हें उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित जनपदों में पीपीई तथा एन-95 मास्क प्राथमिकता पर उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिये। अपर मुख्य सचिव सूचना और गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने टेलीमेडिसिन व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से लोगों को उपचार सम्बन्धी परामर्श उपलब्ध कराने वाले चिकित्सकों की टेलीफोन नम्बर युक्त सूची का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, जिससे लोगों को घर बैठे चिकित्सीय परामर्श मिल सके। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि आपात सेवा प्रदान करने वाले अस्पताल स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकॉल के अनुरूप कार्य करें। उन्होंने बताया कि 4,000 से अधिक केंद्रों पर गेहूं खरीद शुरू हो गयी है। अब तक मंडियों व क्रय केंद्रों के माध्यम से लगभग 36 लाख कुंतल से अधिक गेहूं की खरीद हो चुकी है। उवर्रक की 53,000 किटनाशक की 37,000 तथा बीज की 36,000 दुकाने संचालित हो रही हैं। जायद फसल के तहत 8.12 लाख हेक्टेयर भूमि में बुआई हो गयी है। मेंथा फसल की बुआई लगभग दो लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में हो चुकी है। मनरेगा के अन्तर्गत भारत सरकार से 1,227 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई है। इससे मनरेगा योजना के कार्यों को गति मिलेगी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से प्रदेश के दो करोड़ से अधिक किसानों को 4,100 करोड़ रुपये की मदद प्रदान की गयी है। अवस्थी ने बताया कि कोरोना से अप्रभावित जनपदों में केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप औद्योगिक इकाइयों का संचालन कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि औद्योगिक इकाइयां सामाजिक दूरी का अनुपालन करते हुए कार्य करें। थर्मल स्कैनर से क्रमिकों की  नियमित जांच की जाए। कामगारों के रहने व भोजन आदि की व्यवस्था इकाई के परिसर में ही हो।