नई दिल्ली, (वेबवार्ता)। दक्षिण दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज में शामिल लोगों के लिए बुरी खबर है। दरअसल, जिन 24लोगों की मेडिकल रिपोर्ट सामने आई है, उनमें से 23 लोग कोरोना वायरस संक्रमण से पीड़ित पाए गए हैं। यह इस लिहाज से चिंताजनक है कि अब भी 2000 से अधिक लोगों की जांच रिपोर्ट सामने आनी है। इस रिपोर्ट को लेकर दिल्ली के लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. जेसी पासे का कहना है कि यह यह चिंताजनक स्थिति है। उन्होंने कहा कि हमारे अस्पताल में कुल 216 मरीज हैं, जिनमें 188मरीज वे हैं, जो तब्लीगी मरकज जमात से जुड़े हुए हैं। इन्हीं लोगों में से 24 में से 23 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उन्होंने यह जानकारी भी दी किअस्पताल में भर्ती तब्लीगी मरकज जमात से जुड़े लोग मेडिकल जांच का विरोध कर रहे हैं। वह चाहते ही नहीं कि उन्हें अस्पातल में भर्ती करके रखा जाए। ऐसे में ये सुरक्षा को लेकर भी खतरा बन सकते हैं। ऐसे में अस्पताल के तीनों ब्लॉक में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, ताकि ये यहां से भागने जैसा कदम नहीं उठा सकें।
यहां पर बता दें कि बुधवार तड़के 3:30 बजे तक निजामुद्दीन इलाके में हुए इस्लामिक धार्मिक आयोजन (तब्लीगी जमात मरकज) के बाद एक ही बिल्डिंग में ठहरे सभी 2,361 लोगों को निकाल लिया गया था। 617 लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया है और बाकी लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। इनमें से 24 लोग कोरोना पॉजिटिव भी पाए गए हैं।
गौरतलब है कि दक्षिण दिल्ली के निजामुद्दीन दरगाह के नजदीक तब्लीगी जमात के मुख्यालय में दो हजार से अधिक लोगों की मौजूदगी और उनके कोराना से पीडि़त के मामले ने पुरानी दिल्ली इलाके में भी खलबली मचा दी थी। चंद किमी के दूरी पर स्थित पुरानी दिल्ली के मुस्लिम बाहुल इलाके में भी तब्लीगी मुख्यालय से निकली कई जमातें यहां के कई मस्जिदों और धार्मिक स्थानों पर डेरा डाले हुई थी। इसके अलावा कई स्थानीय लोगों के भी तब्लीगी जमात से संबंध हैं। ये भी नियमित रूप से धार्मिक आयोजन में शामिल हुए थे। पुलिस व जिला प्रशासन द्वारा अब ऐसे लोगों की शिनाख्त करने तथा इन लोगों को जांच के लिए ले जाने के बाद इलाके में खौफ का माहौल देखा जा रहा है। हालांकि, कई धार्मिक नेता अब भी इसे सरकार की साजिश बताकर इतने बड़े मामले पर पर्दा डालने में लगे हुए हैं।
जानकारों के मुताबिक विभिन्न देशों और राज्यों से मरकज में शामिल होने धार्मिक लोग आए थे। इनमें इंडोनेशिया, मलेशिया, अमेरिका व अफगानिस्तान जैसे देशों से आए थे। लॉक डाउन की स्थिति में इन्हें कूचा चालान, बाड़ा हिंदूराव, दरियागंज, सुईवालान, तुर्कमान गेट, कसाबपुरा समेत पुरानी दिल्ली के अन्य इलाके के मस्जिदों और धार्मिक स्थानों पर ठहराया गया था। ईदगाह में भी काफी लोग ठहरे थे। इनकी तलाश में पहुंची पुलिस ने मस्जिदों और धार्मिक स्थानों का ताला खुलवाकर पुलिस ले गई है। साथ ही इलाके में ऐलान भी किया जा रहा है जो भी लोग इनके संपर्क में आए थे, वह खुद ही बता दें और घरों में आइसोलेट हो जाएं। वहीं, बड़े पैमाने पर पुरानी दिल्ली में ऐसे लोगों की मौजूदगी से खौफ का माहौल है। इलाके के जिम्मेदार लोग अब लोगों को अधिक से अधिक घरों में बिताने की अपील कर रहे हैं। संदेह की जद में दरगाह फैज इलाही मरकज तुर्कमान गेट स्थित दरगाह फैज इलाही भी इस प्रकरण में संदेह की जद में है। कोई तीन साल पहले तबलीगी जमात में दो फाड़ होने के बाद एक का मुख्यालय यहां से संचालित हो रहा है। इसमें भी देश-विदेश के लोगों का धार्मिक जुटान होता है। इसके कारण तुर्कमान गेट के निवासियों में चिंता का माहौल है और प्रशासन से भी इस मुख्यालय के जांच की मांग कर रहे हैं।