सपा लॉकडाउन का कर रही है शतप्रतिशत पालन : अखिलेश


लखनऊ,  (वेबवार्ता)। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि पार्टी कोरोना संक्रमण के प्रतिरोध में लागू लॉकडाउन का शतप्रतिशत पालन कर रही है। सरकारी और चिकित्सीय एडवायजरी का पालन करते हुए पीड़ितों और जरूरतमंदो की सहायता के लिये कार्यकर्ता जुटे है। यादव ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि सपा संकट के इन हालात को समझते हुए भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकती है।


 


जनता को कहा किन स्थितियों से गुजरना पड़ रहा है। हमारे सुझाव-शिकायते टीम 11 के काम को अधिक सुसंगत बनाने के लिए होती हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात के सूरत मे लॉकडाउन में फंसे सैकड़ों अन्य स्थानों के भूखे मजदूर श्रमिकों द्वारा मालिकों से अपना वेतन व प्रशासन से घर जाने की व्यवस्था की मांग पर गिरफ्तार किया जाना संवेदनशील विषय है। सरकार तत्काल इन मजदूर लोगों को आर्थिक व आवासीय सहायता देकर उनमें विश्वास जगाए और शांति स्थापित कराए।


 


यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार का पत्रकारिता के प्रति अपना रवैया पक्षपातपूर्ण नहीं रखना चाहिए। मुख्यमंत्री से सम्बन्धित एक सच्ची खबÞर छापने पर एक न्यूज़ वेबसाईट के सम्पादक के खिलाफ एफ.आई.आर. किया जाना मीडिया की आजादी का हनन और सत्ता का स्पष्ट दुरूपयोग है। यह लोकतंत्र के विरूद्ध गहरी साजिश है। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या के कुलपति ने एक आपत्तिजनक टिप्पणी की है।


 


सत्ता के दुरूपयोग का प्रमाण यह है कि भाजपा का तथाकथित बुद्धिजीवियों का गैंग सपा और उसके नेतृत्व की छवि खराब करने की नीयत से अनर्गल आरोप लगाता रहा है। लोकतंत्र में इसे स्वस्थ परम्परा नहीं कहा जा सकता है। अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी सदैव सकारात्मक और रचनात्मक आलोचना की पक्षधर रही है। सरकार से क्या यह नहीं पूछना चाहिए कि किसानों, बेरोजगारो, महिलाओं, नौजवानों और प्रभावित वर्ग के लिए क्या राहत कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की लम्बी अवधि से घरों में कैद बच्चों और बुजुर्जों की क्या हालत है। पेट में दाना नहीं, घर में खाना नहीं। इन हालातों से गुजर रहे कमजोर वर्ग के लिए बोलना क्या गुनाह है