नोएडा में बनेंगे 10 हजार वेंटिलेटर, 126 पास किए गए जारी

 


नोएडा,  (वेबवार्ता)। नोएडा स्थित एक इकाई की ओर से अगले एक महीने में 10 हजार वेंटिलेटर यूनिट का निर्माण किया जाएगा। इन वेंटिलेटर को केंद्र सरकार को दिया जाएगा। इसको लेकर गौतमबुद्ध नगर जिला उद्योग केंद्र महाप्रबंधक की ओर से कुल 126 पास जारी किए जा चुके हैं। यह पास मारुति सुजूकी के अनुरोध पर जारी किए गए हैं। मारुति सुजूकी से आवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार अतिरिक्त पास जारी किए जाएंगे। शासन के प्रवक्ता की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक नोएडा के सेक्टर-7 में एग्वा हेल्थकेयर की मैनुफैरिंग यूनिट स्थापित है। यह इकाई मेसर्स मारुति सुजूकी के साथ ज्वाइंट वेंचर के जरिये एक महीने में 10 हजार यूनिट वेंटिलेटर का निर्माण कर रही है। वेंचर के तहत वेंटिलेटर के निर्माण की तकनीक मेसर्स एग्वा हेल्थकेयर की होगी। मारुति सुजूकी द्वारा इकाई को मैनपावर व अतिरिक्त स्थान उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा मैकेनिकल पार्ट्स (स्टील फैब्रीकेशन) उपलब्ध कराने में भी मदद की जाएगी। मदर्सन सूमी द्वारा वायरिंग व कनेक्टर का निर्माण किया जाएगा। भारत हैवी इलेक्टिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) द्वारा उनके यहां उपयोग होने वाले प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी) उपलब्ध कराए जाएंगे। गुरुग्राम स्थित मेसर्स एसकेएच द्वारा मशीन के निर्माण के लिए हार्डवेयर की आपूर्ति की जाएगी। वर्तमान में एग्वा मेडिकेयर व मारुति सुजूकी के बीच 10हजार वेंटिलेटर यूनिट को लेकर ही समझता हुआ है। इससे अधिक के निर्माण के लिए भविष्य में यदि आपूर्ति आदेश मिलता है, तो मारुति सुजूकी के प्रबंध की ओर से इस पर विचार किया जाएगा। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी एग्वा हेल्थकेयर, मारुति सुजूकी व मदर्सन सूमी के अधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं। पांच मिनट में हो सकेगी कोरोना की जांच कोरोना वायरस ने पूरे विश्व में कोहराम मचा रखा है। ऐसे में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय (एमएचआरडी) ने 2728 मार्च को दो दिवसीय ऑनलाइन प्रतियोगिता का आयोजन किया था। इसका विषय फाइट अगेंस्ट कोरोना : इनोवेशन चैलेंज रखा गया था। इसमें विभिन्न संस्थानों केविद्यार्थियों ने विचार रखे। नॉलेज पार्क स्थित आइआइएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज के विद्यार्थियों ने भी कोरोना की पहचान करने वाले एक्सरे सिस्टम का विचार साझा किया, जो महज पांच मिनट में कोरोना की जांच कर परिणाम दे देगा। इसे अस्पताल व एयरपोर्ट पर लगाया जाएगा। इसका नामए डीप लर्निग एंड लंग्स एक्स-रे इमेज बेस्ड डिटेक्शन सिस्टम कोविड-19रखा गया है। विद्यार्थियों के इस विचार को प्रतियोगिता में पहला स्थान और इनाम में 50 हजार रुपये मिले हैं। पांच चरणों में आयोजित प्रतियोगिता में शामिल आइआइएमटी की टीम डी प्रयागराज के सदस्य मयंक राज ने बताया कि कोरोना की जांच के लिए एयरपोर्ट पर थर्मल स्कैनर का इस्तेमाल किया जाता है। जांच से बचने के लिए संक्रमित लोग पैरासिटामॉल खा लेते हैं, जिससे स्कैनिंग के दौरान संक्रमण पकड़ मे नहीं आता। वहीं, मेडिकल टेस्ट किट से रिपोर्ट आने में छह से 24 घंटे लग जाते हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के फेफड़ों में म्यूकस नामक पदार्थ भर जाता है। जांच के समय हमारा एक्सरे सिस्टम महज पांच मिनट में ही उस म्यूकस को पकड़ लेता है। विद्याथियो  की इस उपलब्धि पर आइआइएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज के प्रबंध निदेशक मयंक अग्रवाल ने बधाई दी है।