नई दिल्ली, (वेबवार्ता)। दिल्ली के सीएम ने कोरोना के संदर्भ में लॉकडाउन को लेकर कहा कि यह बढ़ना ही एक मात्र रास्ता है इससे बचाव का। उन्होंने दूसरे देशों से भारत की तुलनात्मक स्थिति के बारे में कहा कि यह बहुत ही अच्छी बात है कि हम दूसरे देशों से बेहतर स्थिति हैं। यहां हमने पहले लॉकडाउन कर लोगों को इस मुसीबत से काफी हद तक बचाया है। अगर लॉकडाउन आगे नहीं बढ़ा तो हम जो भी बेहतर स्थिति में हैं वह फिर से वहीं हो जाएगी।
इधर, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि हमें केंद्र सरकार से लगभग 4000 पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) किट मिल गईं हैं। इसके अलावा एक लाख रैपिड किट भी मांगी गई है, ये किट भी एक-दो दिन में आ जानी चाइए। किट आते ही सबसे पहले तब्लीगी जमात से जुडे लोगों का टेस्ट किया जायगा। सत्येंद्र जैन ने ट्वीट कर बताया कि कोरोना की सबसे पहले टेस्टिंग कोविड-19 अस्पतालों में की जाएगी। दिल्ली में पहचाने गए हॉटस्पॉट में हम निवासियों की डोर-टू-डोर मेडिकल स्क्रीनिंग कर रहे हैं। निजामुद्दीन क्षेत्र में 6,000 घरों में भी स्क्रीनिंग की गई है। यहां एक में कोरोना मिला है।
इससे पहले दिल्ली में कोरोना के कुल 903 मामले सामने आ चुके, जिनमें जमातियों की संख्या 584 हैं। विदेश से लौटे कोरोना पीड़ितों के संपर्क में आने से संक्रमितों की संख्या 269 है। 50 लोग कैसे पॉजिटिव हुए, स्वस्थ विभाग के पास अभी इसकी जानकारी नहीं है। निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज से कुल 2346 लोग निकाले गए थे। इनमें 536 लोग अस्पतालों में भर्ती कराए गए थे और 1810 लोगों को क्वारंटाइन केंद्रों में रखा गया था। अब तक 11,061 की जांच हो चुकी हैं, जिनमें 903 लोगों कीरिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जिन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, उनके परिजन के साथ ही संपर्क में रहे लोगों की भी स्वास्थ्य विभाग जांच कर रहा है।
अस्पताल में भर्ती हैं 862 कोरोना पीड़ित, 49 आइसीयू में : दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में 862 मरीज भर्ती हैं। इनमें 49 मरीज आइसीयू में हैं और सात सात वेंटिलेटर पर हैं। वहीं, 20 को ऑकसीज़न सपोर्ट पर रखा गया है। अस्पतालों में 615 संदिग्ध मरीज भी भर्ती हैं।