डोनाल्ड ट्रंप की कोरी धमकी


-सिद्धार्थ शंकर-


 


दो दिन पहले तक भारत की तारीफ करने और मदद मांगने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मूड अब बदल गया है। हालांकि, ट्रंप अपने इसी स्वभाव की वजह से जाने जाते हैं। मगर अभी वे भारत से बैर लेने के लिए कमर कस रहे हैं, वह भी तब जब उनका देश कोरोना महामारी की भयंकर चपेट में है और लगभग हर दिन एक हजार से ज्यादा मौत हो रही हैं। अमेरिका में कोरोना वायरस से निपटने में बुरी तरह से फेल साबित हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को धमकी दी है। ट्रंप ने कहा कि अगर भारत हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा नहीं देगा तो अमेरिका जवाबी कार्रवाई कर सकता है। चुनावी बेला में कोरोना महासंकट के कुप्रबंधन को लेकर अपने घर में बुरी तरह से फंसे ट्रंप ने स्पष्ट संकेतों में भारत को धमकी दी है।


ट्रंप ने कहा कि अगर भारत ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर से प्रतिबंध नहीं हटाया तो अमेरिका भी जवाबी कार्रवाई कर सकता है। दरअसल, अमेरिका में 10,876 लोगों की कोरोना से मौत हो गई और ट्रंप अपनी जनता को केवल कोरी दिलासा दे रहे हैं। इस महामारी को रोकने में पूरी तरह से फेल ट्रंप काफी निराश हैं। इसी हताशा में अमेरिकी राष्ट्रपति कभी विपक्षी नेताओं और कभी ईरान पर जुबानी हमले करके पूरे मुद्दे को डायवर्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। ट्रंप को यह डर सता रहा है कि इसी साल अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं और अगर कोरोना वायरस संकट का जल्द समाधान नहीं हुआ तो उनके दोबारा जीत में मुश्किल आ सकती है।


उधर, संकट की इस घड़ी में विपक्षी नेताओं ने भी ट्रंप पर हमले तेज कर दिए हैं। विपक्षी नेता डोनाल्ड ट्रंप पर कुप्रबंधन का आरोप लगा रहे हैं और कह रहे हैं कि उन्होंने कोरोना संकट को कम करके देखा और उस अनुसार तैयारी नहीं की। इस आलोचना की वजह दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश में हर दिन तेजी से बढ़ रहा संक्रमण है जो अब तक साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है। पूर्व उपराष्ट्रपति और डेमोके्रटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति की रेस में खड़े हुए जो बाइडेन ने ट्रंप पर अटैक करते हुए कहा कि आप कोरोना के लिए जिम्मेदार नहीं लेकिन उससे निपटने की तैयारी में असफल रहे हैं। इससे पहले मिनसोटा से डेमोक्रैट सांसद इल्हाम उमर ने ट्रंप पर आरोप लगाया था कि उनके कुप्रबंधन से अमेरिका में लाखों जिंदगियां जाएंगी। यही नहीं जब पूरे अमेरिका में लोगों का मास्क पहनने की सलाह दी जा रही है तो ट्रंप ने कहा है कि वह मास्क नहीं पहनेंगे।


यही नहीं जिस हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ताव दिखा रहे हैं, उसको लेकर खुद विशेषज्ञ ही सहमत नहीं हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर इस दवाई का सेवन सही तरीके से नहीं किया गया तो इसके दुष्परिणाम हो सकते हैं। बढ़ते संकट के बीच यूरोप, अमेरिका और चीन में इस दवाई के इस्तेमाल के लिए लाइसेंस जारी किया गया है। लेकिन ब्रिटेन ने अपने डॉक्टरों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल न करने की सलाह दी है। इसका कहना है कि जब तक इस दवाई पर जांच नहीं हो जाती तब तक इसका इस्तेमाल कोरोना वायरस मरीजों पर न किया जाए। ट्रंप इस दवा को गेमचेंजर बता चुके हैं। मगर ट्रम्प को लग रहा है कि अगर भारत ने इस दवा के जरिए अपने यहां हालात काबू में किया है, तो वे कर सकते हैं। इसीलिए वे दवा न मिलने पर भारत को देख लेने की धमकी तक दे रहे हैं। कोरोना  के कहर से जूझ रहा अमेरिका अपने सबसे मुश्किल दौर में पहुंच गया है। न्यूयॉर्क समेत कई राज्यों में लाशों की लाइन लगी है। अस्पतालों में डॉक्टरों के पास मास्क और अन्य जरूरी सामान नहीं है। खुद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप यह स्वीकार कर चुके हैं कि कम से कम दो लाख लोगों की इस किलर वायरस से मौत होगी। इस महासंकट के बाद भी सुपरपावर अमेरिका के राष्ट्रपति अपने नागरिकों की जान बचाने के बजाय दादागिरी दिखा रहे हैं। कनाडा ने तो आरोप लगाया है कि अमेरिका उनके लिए भेजे जाने वाले मास्क को रोकना चाहता है।